सुख में सुमिरन सब करे, दुख में करे ना कोय,।जो सुख में सुमिरन करे, तो दुख काहे को होय।"


बेतवा भूमि न्यूज विदिशा
 संत रामपाल जी महाराज के सत्संग विदिशा, 20 अप्रैल 2025: विदिशा जिले की लोधी धर्मशाला  मै एक विशेष आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर रही, जहाँ सैकड़ों श्रद्धालुओं ने संत रामपाल जी महाराज के प्रेरणादायक सत्संग का लाभ लिया। यह कार्यक्रम आधुनिक तकनीक के माध्यम से आयोजित किया गया, जिसमें प्रोजेक्टर पर संत रामपाल जी के ज्ञानवर्धक प्रवचन सुनाए गए।
सत्संग में भक्ति, आत्मज्ञान और शास्त्र-सम्मत साधना के महत्व को अत्यंत सहज और प्रभावी भाषा में समझाया गया। संत रामपाल जी महाराज ने समझाया कि आज के युग में शिक्षित समाज का कर्तव्य है कि वह शास्त्रों के अनुसार सही और गलत का निर्णय स्वयं करे। उन्होंने बताया कि श्रीमद्भगवद गीता, वेद, बाइबिल और कुरान जैसे सभी धर्मग्रंथ सत्भक्ति की एक समान राह दिखाते हैं—जो केवल एक पूर्ण सतगुरु के मार्गदर्शन से ही संभव है।
प्रवचनों में यह भी बताया गया कि जब इंसान जीवन के हर सुख-दुख में परमात्मा को याद करता है, तभी उसका जीवन संतुलित और शांतिमय बनता है। कबीर साहेब के प्रसिद्ध दोहे—
> "सुख में सुमिरन सब करे, दुख में करे ना कोय,
जो सुख में सुमिरन करे, तो दुख काहे को होय।"
संत गरीबदास जी महाराज कीअमर वाणी के माध्यम से यह सिखाया गया कि सच्चा सतगुरु ही आत्मा को कालचक्र से मुक्त कर मोक्ष दिला सकता है:
> "कबीर सात समुंदर की मसी करु, लेखन बनौं बनराय,
धरती सब कागद करौं, हरि गुण लिखा न जाय।"
कार्यक्रम के अंत में श्रद्धालुओं ने शांतिपूर्वक नामजप करते हुए सतगुरु की महिमा का गुणगान किया और संकल्प लिया कि वे जीवन में सच्ची भक्ति अपनाकर मोक्ष की ओर अग्रसर होंगे।
यह सत्संग न केवल श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक अनुभव बना, बल्कि पूरे विदिशा क्षेत्र में भक्ति की नई चेतना का संचार करता प्रतीत हुआ।