सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम, 2005 के तहत जानकारी प्राप्त करना नागरिक का कानूनी अधिकार है, लेकिन विदिशा के सीएमएचओ (मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी) कार्यालय में इस अधिकार की खुलेआम धज्जियां उड़ रही है। एक मामले में, एक महीने से अधिक और निर्धारित 5 दिन की अतिरिक्त समय-सीमा बीत जाने के बाद भी आवेदक को आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी नहीं मिली है।
आरोप है कि सीएमएचओ कार्यालय में सूचना का अधिकार शाखा के बाबू सुमित श्रीवास्तव, न सिर्फ आवेदक को गुमराह कर रहे हैं, बल्कि सीएमएचओ और पत्रकारों को भी सही स्थिति से अवगत नहीं करा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, वे लगातार जानकारी देने से बच रहे हैं और सभी नियमों को ताक पर रख रहे हैं।
गौरतलब है कि लोक सूचना अधिकारी का बोर्ड भी कार्यालय में प्रदर्शित नहीं है, जो कि नियमों का उल्लंघन है। इस स्थिति ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं कि आखिर सीएमएचओ कार्यालय में क्या छुपाया जा रहा है कि जानकारी देने में इतनी देरी और आनाकानी की जा रही है?
यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति के अधिकार का उल्लंघन नहीं है, बल्कि यह सरकारी विभागों में पारदर्शिता की कमी और आरटीआई अधिनियम के कमजोर क्रियान्वयन को भी उजागर करता है। इस तरह की घटनाओं से नागरिकों का सरकारी काम काज की व्यवस्था पर से विश्वास कम होता है इसी बात को लेकर जब फोन पर लोक सूचना शाखा के बाबू सोमित श्रीवास्तव से बात की तो उन्होंने कहा कि हमारे विभाग में बोर्ड नहीं है जानकारी देने से आनाकानी कर रहे हैं सुमित श्रीवास्तव आखिर एक माह से अधिक समय होने के बाद जानकारी उपलब्ध क्यों नहीं करा रहे
इसी बात को लेकर पत्रकार तोरन सिंह शिल्पकार ने सीएमएचओ डाँ रामहित कुमार को अवगत कराया तो उन्होंने बाबू सोमेश श्रीवास्तव को बुलाकर और जानकारी देने को कहा श्रीवास्तव ने कहा हम दे देंगे जानकारी
लोक सूचना अधिकारी का वोड को लेकर भी सीएमएचओ ने सोमेश श्रीवास्तव को लगाई फटकार लगाई है