विदिशा में गूंजा मोक्ष का शास्त्रीय संदेश: संत रामपाल जी महाराज के सत्संग से आध्यात्मिक और सामाजिक क्रांति की लहर



 बेतवा भूमि न्यूज़ विदिशा।
 विदिशा स्थित हरिपुरा लवली मैरिज गार्डन में रविवार को संत रामपाल जी महाराज के पावन सान्निध्य में एक भव्य एक दिवसीय सत्संग समारोह का आयोजन किया गया। यह आध्यात्मिक कार्यक्रम एलएडी टीवी के माध्यम से संपन्न हुआ, जिसमें दूर-दराज़ से सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया और संत रामपाल जी महाराज के प्रवचनों को अत्यंत गहराई से सुना।
जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति का मार्ग
अपने सारगर्भित प्रवचनों में संत रामपाल जी महाराज ने समस्त जीवात्माओं को जन्म-मरण के अनंत चक्र से मुक्ति दिलाने का शास्त्रीय मार्ग स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि काल लोक में बंधी आत्माओं को इस बंधन से मुक्त होने का एकमात्र उपाय तत्त्वदर्शी संत की शरण ग्रहण करना है, जिसकी पुष्टि श्रीमद्भगवद्गीता में भी की गई है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जो साधक मर्यादा में रहकर सत्भक्ति करता है, वही इस बंधन से छूटकर परमधाम (सतलोक) तक पहुँच सकता है, जहाँ शाश्वत शांति और अमर आनंद की प्राप्ति होती है।
सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार और मानवता का आह्वान
श्रद्धालुओं ने संत रामपाल जी महाराज को आज के युग का विरले संत बताया, जो शास्त्रों के आधार पर प्रमाणित भक्ति मार्ग को समाज के समक्ष रख रहे हैं। सत्संग से न केवल आध्यात्मिक चेतना जागी, बल्कि सामाजिक सुधार की दिशा में भी सशक्त संदेश दिया गया। संत जी ने रिश्वतखोरी, दहेज प्रथा और नशाखोरी जैसी गंभीर बुराइयों को तुरंत त्यागने का आह्वान किया। साथ ही, उन्होंने निस्वार्थ सेवा, परमार्थ और मानवता को जीवन में अपनाने की प्रेरणा दी, जिससे समाज में एक नई और सकारात्मक चेतना का संचार हुआ।
'अन्नपूर्णा मुहिम' बनी गरीब और वंचितों का सहारा
सत्संग के दौरान संत रामपाल जी महाराज द्वारा चलाई जा रही "अन्नपूर्णा मुहिम" की भी विस्तृत चर्चा हुई। इस अनूठी पहल के अंतर्गत समाज के जरूरतमंदों को रोटी, कपड़ा, शिक्षा, चिकित्सा और मकान जैसी मूलभूत सुविधाएँ निःशुल्क प्रदान की जा रही हैं। इस मानवतावादी कार्य ने गरीब और वंचित वर्ग को एक नया सहारा दिया है, जिसे उपस्थित लोगों ने मानवता की सच्ची सेवा की दिशा में एक मिसाल बताया।
यह कार्यक्रम आध्यात्मिक जागृति और सामाजिक उत्थान के एक महत्वपूर्ण संगम के रूप में संपन्न हुआ, जिसने विदिशा में एक क्रांति की लहर पैदा कर दी।