शहर के राजीव आवास जतरापुर वार्ड नंबर 2 की पुलिया के पास बीती रात अज्ञात व्यक्तियों द्वारा लगभग 500 डिब्बे एक्सपायरी डेट की दवाइयां और ORS के पैकेट खुले में फेंक दिए जाने का गंभीर मामला सामने आया है। भारी मात्रा में जीवन रक्षक दवाइयों और अन्य मेडिकल वेस्ट को इस तरह खुले में फेंकना न केवल पर्यावरण बल्कि जन स्वास्थ्य के लिए भी एक बड़ा खतरा है।
खुले में फेंका मेडिकल वेस्ट, नियम-कानून की अनदेखी
दवाइयों और मेडिकल सप्लाई को खुले में, खासकर रिहायशी इलाके के पास इस तरह फेंकना जैव-चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन और हैंडलिंग नियमों का सीधा उल्लंघन है। एक्सपायरी दवाइयां और ORS के पैकेट पानी के स्रोतों (पुलिया के नीचे) और मिट्टी में मिलकर प्रदूषण फैला सकते हैं। बारिश या जल भराव की स्थिति में यह रसायन भूजल में रिसकर उसे दूषित कर सकता है, जिससे गंभीर बीमारियां फैलने का खतरा है।
बच्चों और मवेशियों के लिए जानलेवा जोखिम
यह स्थान रहवासी क्षेत्र के करीब है। खुले में पड़े इन डिब्बों और पैकेटों को बच्चे खेल-खेल में या मवेशी चारे की तलाश में खा सकते हैं, जो उनके लिए जानलेवा साबित हो सकता है। एक्सपायरी डेट की दवाइयों का सेवन किसी भी स्थिति में खतरनाक होता है।
प्रशासन पर सवाल
सवाल यह उठता है कि इतनी बड़ी मात्रा में एक्सपायरी दवाइयां (लगभग 500 डिब्बे) किसी व्यक्ति, क्लीनिक, या मेडिकल स्टोर के पास थीं? और अगर थीं, तो उन्होंने कानूनी और सुरक्षित तरीके से इनका निपटान क्यों नहीं किया? मेडिकल वेस्ट के उचित निपटान के लिए सख्त नियम बनाए गए हैं, जिनका इस घटना में स्पष्ट रूप से उल्लंघन हुआ है।
प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को तुरंत इस मामले की जांच करनी चाहिए। यह पता लगाना जरूरी है कि ये दवाइयां कहां से आई हैं और लापरवाही बरतने वाले या जानबूझकर पर्यावरण को दूषित करने वाले दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही, सार्वजनिक स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए इस पूरे मेडिकल वेस्ट को तुरंत और सुरक्षित तरीके से हटवाकर उसका वैज्ञानिक निपटान किया जाना चाहिए।
खुले में इस तरह मेडिकल वेस्ट फेंकना पूरी तरह अनुचित, गैर-जिम्मेदाराना और आपराधिक कृत्य है, जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।